ऑफलाइन व्यवस्था के जटिल होने से बोर्ड को हर माह भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में अब बोर्ड प्रबंधन ने सिर्फ आनॅलाइन मोड से आरटीजीएस और एनईएफटी का पैसा जमा होने के सभी फील्ड अफसरों को निर्देश जारी किए गए हैं।
वर्तमान में बिजली बिल को उपभोक्ता अपने किसी भी बैंक खाते के माध्यम से आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से जमा करवाते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से सबसे पहले उपभोक्ता के खाते से पैसा बिजली बोर्ड के स्थानीय दफ्तर के खाते में जाता है।
संबंधित बैंक इसकी जानकारी बोर्ड कार्यालय को देते हैं। फिर बोर्ड अधिकारी बैंक जाकर इसकी रसीद प्राप्त करते हैं। वापस दफ्तर आकर संबंधित उपभोक्ता के बिजली खाते में इसकी एंट्री होती है। करीब एक सप्ताह की इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद उपभोक्ता का बिजली बिल जमा होता है।
इस प्रक्रिया में समय लगने से बोर्ड को आखिरी तारीखों में जमा हुए बिजली बिल के सरचार्ज का पैसा नहीं मिल पा रहा है। इसे दुरुस्त करते हुए अब ऑनलाइन मोड शुरू करने का फैसला लिया गया है। बोर्ड ने उपभोक्ताओं को आरटीजीएस और एनईएफटी करने के लिए दो बैंकों के गेट वे दे दिए हैं। इन गेट वे से पैसा जमा होते ही बोर्ड के साफ्टवेयर में बिल जमा हो जाएगा। शेष व्यवस्था पुरानी ही रहेगी।